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Showing posts from March 17, 2019
The Great Punjabi Dhol.....Bhangra Beats...Dhol Punjabi.
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Salute to Sardar Bhagat Singh,Rajguru,Sukhdev who sacrificed his life for the freedom of India... Vande Matram.
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*पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर परिकर जी* कैंसर से जूझते हुए अब हमारे बीच नही रहे। अस्पताल के विस्तर से उनका *यह संदेश बहुत मार्मिक..* "मैंने राजनैतिक क्षेत्र में सफलता के अनेक शिखरों को छुआ ::: दूसरों के नजरिए में मेरा जीवन और यश एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं :::;::; फिर भी मेरे काम के अतिरिक्त अगर किसी आनंद की बात हो तो शायद ही मुझे कभी प्राप्त हुआ ::: आखिर क्यो ? तो जिस political status जिसमें मैं आदतन रम रहा था ::: आदी हो गया था वही मेरे जीवन की हकीकत बन कर रह गई::; इस समय जब मैं बीमारी के कारण बिस्तर पर सिमटा हुआ हूं, मेरा अतीत स्मृतिपटल पर तैर रहा है ::: *जिस ख्याति प्रसिद्धि और धन संपत्ति को मैंने सर्वस्व माना* और उसी के व्यर्थ अहंकार में पलता रहा::: *आज जब खुद को मौत के दरवाजे पर खड़ा देख रहा हूँ तो वो सब धूमिल होता दिखाई दे रहा है साथ ही उसकी निर्थकता बड़ी शिद्दत से महसूस कर रहा हूं::;* आज जब मृत्यु पल पल मेरे निकट आ रही है, मेरे आस पास चारों तरफ हरे प्रकाश से टिमटिमाते जीवन ज्योति बढ़ाने वाले अनेक मेडिकल उपकरण देख रहा हूँ । उन यंत्रों से निकलती ध्वनियां भी सुन रहा हूं : *इसके साथ साथ अपने आगोश में लपेटने के लिए निकट आ रही मृत्यु की पदचाप भी सुनाई दे रही है::::* अब ध्यान में आ रहा है कि *भविष्य के लिए आवश्यक पूंजी जमा होने के पश्चात दौलत संपत्ति से जो अधिक महत्वपूर्ण है वो करना चाहिए। 👉वो शायद रिश्ते नाते संभालना सहेजना या समाजसेवा करना हो सकता है।* निरंतर केवल राजनीति के पीछे भागते रहने से व्यक्ति अंदर से सिर्फ और सिर्फ पिसता हुआ खोखला बनता जाता है ::: बिल्कुल मेरी तरह। *उम्र भर मैंने जो संपत्ति और राजनैतिक मान सम्मान कमाया वो मैं कदापि साथ नहीं ले जा सकूंगा ::;* दुनिया का सबसे महंगा बिछौना कौन सा है, पता है ? ::: "बीमारी का बिछौना" ::: गाड़ी चलाने के लिए ड्राइवर रख सकते हैं :: पैसे कमा कर देने वाले मैनेजर मिनिस्टर रखे जा सकते हैं परंतु :::: *अपनी बीमारी को सहने के लिए हम दूसरे किसी अन्य को कभी नियुक्त नहीं कर सकते हैं:::::* खोई हुई वस्तु मिल सकती है । मगर एक ही चीज ऐसी है जो एक बार हाथ से छूटने के बाद किसी भी उपाय से वापस नहीं मिल सकती है। *वो है :::: अपना "आयुष्य" :: "काल" ::: "समय"* ऑपरेशन टेबल पर लेटे व्यक्ति को एक बात जरूर ध्यान में आती है कि *उससे केवल एक ही पुस्तक पढ़नी शेष रह गई थी और वो पुस्तक है "निरोगी जीवन जीने की पुस्तक" ;::::* फिलहाल आप जीवन की किसी भी स्थिति- उमर के दौर से गुजर रहे हों तो भी *एक न एक दिन काल एक ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है कि सामने नाटक का अंतिम भाग स्पष्ट दिखने लगता है :::* स्वयं की उपेक्षा मत कीजिए::: स्वयं ही स्वयं का आदर कीजिए ::::दूसरों के साथ भी प्रेमपूर्ण बर्ताव कीजिए ::: लोग मनुष्यों को इस्तेमाल ( use ) करना सीखते हैं और पैसा संभालना सीखते हैं। *वास्तव में पैसा इस्तेमाल करना सीखना चाहिए व मनुष्यों को संभालना सीखना चाहिए :::* अपने जीवन की शुरुआत हमारे रोने से होती है और जीवन का समापन दूसरो के रोने से होता है:::: इन दोनों के बीच में जीवन का जो भाग है वह भरपूर हंस कर बिताएं और उसके लिए *सदैव आनंदित रहिए व औरों को भी आनंदित रखिए :::"*
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May Ur life be full of colours... Spread colours of happiness joy peace love forgiveness ✨✨✨✨✨✨..Darshan Singh Programming Producer Director .. NETWORK 18.
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Happy Eco-Friendly Holi . . COMING SOON...Wishing to All Very Very Special Holii
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https://myshopprime.com/product/rosella-baby-pink-cold-sholder-long-dress-11015/258514295
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Sargam Music & Films : AMRIT VELE DA HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB SRI AMRIT...
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Sargam Music & Films : AMRIT VELE DA HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB SRI AMRIT...
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AMRIT VELE DA HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB SRI AMRITSAR, ANG 572, 19-Mar-2019 www.facebook.com/HukamnamaSriDarbarSahibSriAmritsar ਵਡਹੰਸੁ ਮਹਲਾ ੪ ॥ ਹੰਉ ਗੁਰ ਬਿਨੁ ਹੰਉ ਗੁਰ ਬਿਨੁ ਖਰੀ ਨਿਮਾਣੀ ਰਾਮ ॥ ਜਗਜੀਵਨੁ ਜਗਜੀਵਨੁ ਦਾਤਾ ਗੁਰ ਮੇਲਿ ਸਮਾਣੀ ਰਾਮ ॥ ਸਤਿਗੁਰੁ ਮੇਲਿ ਹਰਿ ਨਾਮਿ ਸਮਾਣੀ ਜਪਿ ਹਰਿ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਧਿਆਇਆ ॥ ਜਿਸੁ ਕਾਰਣਿ ਹੰਉ ਢੂੰਢਿ ਢੂਢੇਦੀ ਸੋ ਸਜਣੁ ਹਰਿ ਘਰਿ ਪਾਇਆ ॥ ਏਕ ਦ੍ਰਿਸ੍ਟਿ ਹਰਿ ਏਕੋ ਜਾਤਾ ਹਰਿ ਆਤਮ ਰਾਮੁ ਪਛਾਣੀ ॥ ਹੰਉ ਗੁਰ ਬਿਨੁ ਹੰਉ ਗੁਰ ਬਿਨੁ ਖਰੀ ਨਿਮਾਣੀ ॥੧॥ वडहंसु महला ४ ॥ हंउ गुर बिनु हंउ गुर बिनु खरी निमाणी राम ॥ जगजीवनु जगजीवनु दाता गुर मेलि समाणी राम ॥ सतिगुरु मेलि हरि नामि समाणी जपि हरि हरि नामु धिआइआ ॥ जिसु कारणि हंउ ढूंढि ढूढेदी सो सजणु हरि घरि पाइआ ॥ एक द्रिस्टि हरि एको जाता हरि आतम रामु पछाणी ॥ हंउ गुर बिनु हंउ गुर बिनु खरी निमाणी ॥१॥ Wadahans, Fourth Mehl: Without the Guru, I am - without the Guru, I am totally dishonored. The Life of the World, the Life of the World, the Great Giver has led me to meet and merge with the Guru. Meeting with the True Guru, I have merged into the Naam, the Name of the Lord. I chant the Name of the Lord, Har, Har, and meditate on it. I was seeking and searching for Him, the Lord, my best friend, and I have found Him within the home of my own being. I see the One Lord, and I know the One Lord; I realize Him within my soul. Without the Guru, I am - without the Guru, I am totally dishonored. ||1|| ਹੰਉ = ਮੈਂ। ਖਰੀ = ਬਹੁਤ। ਨਿਮਾਣੀ = ਆਜਿਜ਼। ਜਗਜੀਵਨੁ = ਜਗਤ ਦਾ ਜੀਵਨ, ਜਗਤ ਨੂੰ ਜਿੰਦ ਦੇਣ ਵਾਲਾ। ਗੁਰ ਮੇਲਿ = ਗੁਰੂ ਦੇ ਮਿਲਾਪ ਦੀ ਰਾਹੀਂ। ਮੇਲਿ ਹਰੀ = ਹਰੀ ਦੇ ਮਿਲਾਪ ਵਿਚ। ਨਾਮਿ = ਨਾਮ ਵਿਚ। ਜਪਿ = ਜਪਿਆ। ਜਿਸੁ ਕਾਰਣਿ = ਜਿਸ (ਹਰਿ-ਸੱਜਣ ਨੂੰ ਮਿਲਣ) ਦੀ ਖ਼ਾਤਰ। ਘਰਿ = ਹਿਰਦੇ ਵਿਚ। ਦ੍ਰਿਸ੍ਟਿ = ਨਿਗਾਹ। ਏਕੋ = ਇਕ ਨੂੰ ਜਪੇ। ਜਾਤਾ = ਪਛਾਣਿਆ। ਆਤਮ ਰਾਮੁ = ਸਰਬ-ਵਿਆਪਕ ਪ੍ਰਭੂ।੧। ਗੁਰੂ ਤੋਂ ਬਿਨਾ ਮੈਂ ਬਹੁਤ ਹੀ ਆਜਿਜ਼ ਸਾਂ। (ਜਦੋਂ ਗੁਰੂ ਮਿਲ ਪਿਆ, ਤਦੋਂ ਮੈਨੂੰ) ਜਗਤ ਦਾ ਜੀਵਨ ਦਾਤਾਰ ਪ੍ਰਭੂ (ਮਿਲ ਪਿਆ), ਗੁਰੂ ਦੇ ਮਿਲਾਪ ਦੀ ਬਰਕਤਿ ਨਾਲ ਮੈਂ (ਜਗ-ਜੀਵਨ ਪ੍ਰਭੂ ਵਿਚ) ਲੀਨ ਹੋ ਗਈ। (ਜਦੋਂ) ਗੁਰੂ (ਮਿਲਿਆ), ਤਦੋਂ ਮੈਂ ਪਰਮਾਤਮਾ ਦੇ ਮਿਲਾਪ ਵਿਚ ਪਰਮਾਤਮਾ ਦੇ ਨਾਮ ਵਿਚ ਲੀਨ ਹੋ ਗਈ, ਮੈਂ ਪਰਮਾਤਮਾ ਦਾ ਨਾਮ ਜਪਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੱਤਾ, ਨਾਮ ਆਰਾਧਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੱਤਾ। ਜਿਸ ਸੱਜਣ-ਪ੍ਰਭੂ ਨੂੰ ਮਿਲਣ ਦੀ ਖ਼ਾਤਰ ਮੈਂ ਇਤਨੀ ਭਾਲ ਕਰ ਰਹੀ ਸਾਂ ਉਹ ਸੱਜਣ-ਹਰੀ ਮੈਂ ਆਪਣੇ ਹਿਰਦੇ ਵਿਚ ਲੱਭ ਲਿਆ। ਮੈਂ ਇਕ ਨਿਗਾਹ ਨਾਲ ਇਕ ਪਰਮਾਤਮਾ ਨੂੰ (ਹਰ ਥਾਂ ਵੱਸਦਾ) ਸਮਝ ਲਿਆ, ਮੈਂ ਸਰਬ-ਵਿਆਪਕ ਰਾਮ ਨੂੰ ਪਛਾਣ ਲਿਆ। ਗੁਰੂ ਤੋਂ ਬਿਨਾ ਮੈਂ (ਪਹਿਲਾਂ) ਬਹੁਤ ਹੀ ਆਜਿਜ਼ ਸਾਂ।੧। गुरु के बिना में बहुत ही नासमझ था। (जब गुरु मिल गया, तब मुझे) जगत का जीवन दातार प्रभु ( मिल गया), गुरु के मिलाप की बरकत के साथ में (जगत - जीवन प्रभु में) लिन हो गयी। (जब) गुरु (मिला), तब में परमात्मा के मिलाप में परमात्मा के नाम में लिन हो गयी, मेने परमात्मा का नाम जपना शुरू कर दिया, नाम आरादना शुअरू कर दिया । जिस सजन-प्रभु के मिलन के खातिर में इतनी मेहनत कर रही थी उस सजन-हरी को मेने अपने हिर्दय में खोज लिया । मेंने एक नजर के साथ एक परमात्मा को ( हर जगह बस्ता) समझ लिया, मेने सरब- वियापक राम को पहचान लिया । गुरु के बिना में (पहले) बहुत ही नासमझ था।੧। www.facebook.com/GurbaniThoughtOfTheDay ( Wahguru Ji Ka Khalsa, Wahguru Ji Ki Fateh ) ਗੱਜ-ਵੱਜ ਕੇ ਫਤਹਿ ਬੁਲਾਓ ਜੀ ! ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਾ ਖਾਲਸਾ !! ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫਤਹਿ !!
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Sargam Music & Films : Sugar Brown Baliye...... Beautiful New Punjabi Son...
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Sugar Brown Baliye...... Beautiful New Punjabi Song.. Singer.. Bhinda Aujla.
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Sargam Music & Films : Sargam Music & Films : *गैलरी* *पिता जिद कर रहा थ...
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Sargam Music & Films : Sargam Music & Films : *गैलरी* *पिता जिद कर रहा थ...
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Sargam Music & Films : *गैलरी* *पिता जिद कर रहा था कि उसकी चारपाई गैलरी ...
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Sargam Music & Films : *गैलरी* *पिता जिद कर रहा था कि उसकी चारपाई गैलरी ...
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Sargam Music & Films : *गैलरी* *पिता जिद कर रहा था कि उसकी चारपाई गैलरी ...
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*गैलरी* *पिता जिद कर रहा था कि उसकी चारपाई गैलरी में डाल दी जाये। बेटा परेशान था। बहू बड़बड़ा रही थी..... कोई बुजुर्गों को अलग कमरा नही देता। हमने दूसरी मंजिल पर कमरा दिया.... सब सुविधाएं हैं, नौकरानी भी दे रखी है। पता नहीं, सत्तर की उम्र में सठिया गए हैं?* पिता कमजोर और बीमार हैं.... जिद कर रहे हैं, तो उनकी चारपाई गैलरी में डलवा ही देता हूँ। निकित ने सोचा। पिता की इच्छा की पू्री करना उसका स्वभाव था। अब पिता की चारपाई गैलरी में आ गई थी। हर समय चारपाई पर पडे रहने वाले पिता अब टहलते टहलते गेट तक पहुंच जाते । कुछ देर लान में टहलते । लान में खेलते नाती - पोतों से बातें करते , हंसते , बोलते और मुस्कुराते । कभी-कभी बेटे से मनपसंद खाने की चीजें लाने की फरमाईश भी करते । खुद खाते , बहू - बटे और बच्चों को भी खिलाते .... धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य अच्छा होने लगा था। दादा ! मेरी बाल फेंको... गेट में प्रवेश करते हुए निकित ने अपने पाँच वर्षीय बेटे की आवाज सुनी, तो बेटा अपने बेटे को डांटने लगा...: अंशुल बाबा बुजुर्ग हैं, उन्हें ऐसे कामों के लिए मत बोला करो। पापा ! दादा रोज हमारी बॉल उठाकर फेंकते हैं.... अंशुल भोलेपन से बोला। क्या... "निकित ने आश्चर्य से पिता की तरफ देखा? पिता ! हां बेटा तुमने ऊपर वाले कमरे में सुविधाएं तो बहुत दी थीं। लेकिन अपनों का साथ नहीं था। तुम लोगों से बातें नहीं हो पाती थी। जब से गैलरी मे चारपाई पड़ी है, निकलते बैठते तुम लोगों से बातें हो जाती है। शाम को अंशुल -पाशी का साथ मिल जाता है। पिता कहे जा रहे थे और निकित सोच रहा था..... *बुजुर्गों को शायद भौतिक सुख सुविधाऔं से ज्यादा अपनों के साथ की जरूरत होती है*। * बुज़ुर्गों का सम्मान करें । यह हमारी धरोहर है ...!* * यह वो पेड़ हैं, जो थोड़े कड़वे है, लेकिन इनके फल बहुत मीठे है, और इनकी छांव का कोई मुक़ाबला नहीं !* _लेख को पढ़ने के उपरांत अन्य समूहों में साझा अवश्य करें...!!_ *जय श्री राम*
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